Monday, October 27, 2025

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जंगल में रेस: बच्चों के लिए मजेदार और सीखने वाली कहानी

जंगल में रेस: short moral stories for kids बच्चों के लिए मजेदार और सीखने वाली कहानी

जंगल में रेस Short story for kids

आखिरकार बड़ा दिन आ ही गया। जंगल के सभी जानवर जल्दी उठ गए क्योंकि उस दिन रेस का दिन था! नौ बजे तक वे सभी झील के किनारे एकत्र हो गए। उस जंगल में सबसे लंबा और सबसे सुंदर जिराफ भी था। लेकिन वह इतना घमंडी था  कि वह दूसरे जानवरों से दोस्ती नहीं करना चाहता था, इसलिए उसने बाकि जानवरों का मजाक बनाना शुरू कर दिया।

वह कछुए पर हंसा जो इतना छोटा और इतना धीमा था। वह मोटे गैंडे पर हंसा।हाथी पर उसकी लंबी सूंड के लिए हंसा।

इस प्रकार एक एक कर वह सभी जानवरों का मजाक बनाने लगा।

थोड़ी देर बाद रेस शुरू करने का समय था। रेस के लिए सभी प्रतिभागी तैयार होने लगे। लोमड़ी ने पीले और लाल रंग की धारीदार चप्पल पहन रखी थी। ज़ेबरा, गुलाबी रंग वाले जूते पहन रखा था। कछुआ सफेद चप्पल पहना था।

और जब वे दौड़ शुरू करने ही वाले थे, तो जिराफ फूट-फूट कर रोने लगा। वह इतना लंबा था कि वह अपने जूतों के फीतों को बांध नहीं पा रहा था!

“आह, आह, कोई मेरी मदद करो!” – जिराफ चिल्लाया।

आवाज सुनकर सारे जानवर उसे देखने लगे।

लोमड़ी जिराफ के पास गयी और बोली –

“आप दूसरे जानवरों पर हंस रहे थे क्योंकि वे कुछ अलग थे। यह सच है, हम सभी अलग हैं, लेकिन हम सभी में कुछ न कुछ अच्छा है। और हम सभी दोस्त बन सकते हैं और जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे की मदद भी कर सकते हैं।”

तब जिराफ ने उन पर हंसने के लिए सभी से माफी मांगी। जल्द ही चींटियाँ आ गईं, फीते बाँधने के लिए उसके जूते पर रेंगने लगी।

अंत में, रेस के लिए सभी जानवरों को शुरुआती लाइन पर खड़ा किया गया।

रेडी, सेट, गो ! सब ने दौड़ लगाई।

जब रेस  समाप्त हुई, तो सभी ने जश्न मनाया क्योंकि इस रेस में सभी ने एक नया दोस्त जीता था, एक ऐसा दोस्त जिसने यह सीखा था कि दोस्ती का क्या मतलब है।

कहानी से शिक्षा (Moral of the Story):

  1. ईर्ष्या छोड़ें: दूसरों की संपन्नता या खुशियों को देखकर खुद को दुखी न बनाएं।
  2. सच्चा सुख अपने अंदर ढूँढें: खुश रहने का असली आधार दूसरों के सुख में अपनी खुशी तलाशना है।
  3. संतोष और आभार: अपने पास जो है उसके लिए संतोष और आभार महसूस करें।
  4. धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण: जीवन में परेशानियाँ और असंतोष तभी खत्म होंगे जब हम अपने विचार बदलेंगे।
  5. स्वार्थ से परे सोचें: दूसरों की खुशियों में खुशी पाने से मन में शांति और स्थायी प्रसन्नता आती है।

 

 

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